कश्मीर में एक मौलाना हैं. अब्दुल राशिद दाऊदी. सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु. इनका सम्बंध बरेलवी मसलक से है. इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-साउत-उल-अलविया के चेयरमैन हैं. इन्होंने फ़तवा जारी किया है, जिसमें उन्होंने मुसलमान होने के बावजूद भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के लिए फ़ातेहा पढ़ी. फ़ातेहा यानी आत्मा की शांति के लिए की गई प्रार्थना. अटल जी के लिए फ़ातेहा पढ़ने वालों को मौलाना दाऊदी ने काफ़िर करार दिया. ऐसे लोगों को न केवल उन्होंने इस्लाम से बेदखल कर दिया. बल्कि उनकी निक़ाह भी ख़त्म कर दी. दाऊदी के फ़तवे से फ़ातेहा पढ़ने वाले BJP के मुस्लिम कार्यकर्ताओं की आज़ादी पर चोट पहुँची है. लेकिन अब एनटॉलरेंस ब्रिगेड कहीं नज़र नहीं आ रहा. ऐसी ही हरकत कुछ देवबंदी मसलक के मुफ़्ती-मौलानाओं ने भी की है. इन मौलानाओं को जन्माष्टमी पर शाहरुख़ ख़ान का बेटे के साथ दही-हाँडी फोड़ना हजम नहीं हुआ. लिहाजा शाहरुख इस्लाम बदर.
from Latest News शो News18 हिंदी https://ift.tt/2Nq99CU
from Latest News शो News18 हिंदी https://ift.tt/2Nq99CU
ConversionConversion EmoticonEmoticon