HTP : क्या MP में कमलनाथ सरकार का सरकारी कर्मचारियों के वन्दे मातरम् गाने पर रोक लगाना देश का अपमान है?

अंग्रेजों की गोली का शिकार बनकर दम तोड़ने वाली मातंगिनी हज़ारा की जुबान पर आखिरी शब्द 'वन्दे मातरम्' थे. बंगाल में चले आज़ादी के आन्दोलन में 'वन्दे मातरम्' गीत राष्ट्रभक्तों की धमनियों में क्रांति बनकर दौड़ता था. 'वन्दे मातरम्' यानी हिन्दुस्तान की जंग-ए-आज़ादी का पर्याय. 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन से लेकर न मालूम कितने अधिवेशनों में अब तक 'वन्दे मातरम् ' गाया जा चुका है. आज़ादी के बाद कांग्रेस की पहचान तक बन चुके इसी गीत को मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बैन कर दिया है. BJP ने 14 साल पहले राष्ट्रगीत गाने का रिवाज बनाया था. नई कमलनाथ सरकार ने उस रिवाज को नए साल की पहली तारीख़ से ख़त्म कर दिया. मुख्यमंत्री कमलनाथ की दलील है कि गीत के नए रूप को नए तरीके से गाया जाएगा और जल्द इसकी नई तारीख़ का ऐलान होगा. जिस गीत का सम्बंध राष्ट्र से हो उस पर रोक लगाकर कांग्रेस ने क्या किसी धर्म से जोड़ दिया है? क्या ये कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति का हिस्सा है?

from Latest News शो News18 हिंदी http://bit.ly/2As2j81
Previous
Next Post »