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1947 में देश आज़ाद हुआ तब देश ग़रीब था. नेहरू जी की सरकार आई, लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई और फिर प्रधानमंत्री बदलते रहे. फिर गरीबी हटाओ के नारे पर इंदिरा सरकार आई. राजीव गाँधी ने भी यही नारा दिया. नरसिम्हा राव की सरकार बनी फिर भारत निर्माण के नारे के साथ. 10 साल के लिए मनमोहन सिंह की UPA सरकार आई लेकिन ना इस देश से गरीबी हटी. लेकिन पहली बार मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए गरीबी के ख़िलाफ़ आरक्षण क्रांति की है. ग़रीबी हटाने के लिए धर्म की दीवार भी तोड़ दी गई. आरक्षण में पहली बार 'सबका साथ सबका विकास' का सन्देश दिया गया लेकिन कुछ नेताओं को अभी भी सियासत सूझ रही है. अखिलेश यादव की पार्टी तो मुसलमानों के नाम पर धमकी देने पर उतर आई है. तो क्या सियासत के नाम पर कुछ नेता देश हित से खिलवाड़ कर रहे हैं?
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