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मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जन्मभूमि अयोध्या को सियासत ने अखाड़े में बदल दिया है. 25 नवम्बर को VHP ने साधु-संतों की हुँकार रैली बुलाई है. लेकिन उससे पहले शिवसैनिकों का जमावड़ा वहाँ शुरू हो चुका है. कल उद्धव ठाकरे पहुँचेंगे. उद्धव जब 25 तारीख़ को अयोध्या छोड़ेंगे तो अयोध्या, बेंगलुरू और नागपुर में VHP की मेगा रैलियाँ हो रही होंगी. VHP की योजना 25 नवम्बर से 25 दिसम्बर के बीच देश भर में 543 रैलियों की है. यानी हर लोकसभा क्षेत्र में एक रैली. इसके अलावा संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से तीन दिन पहले 9 दिसम्बर को दिल्ली में संतों का मार्च कराने की योजना है. मक़सद राम मन्दिर के लिए सरकार और सियासी दलों पर दबाव बनाना है. BJP और VHP जैसी चैम्पियन के मैदान में होने के बावजूद राम मन्दिर पर शिवसेना की सक्रियता से कुछ सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या ये BJP और शिवसेना के तक़रार का नतीजा है? अयोध्या में बढ़ती भीड़ से वहाँ रहने वाले अंदेशे में हैं.
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