ठेठ गांव से था, रेस्त्रां की दीवार रंगने लंदन पहुंचा तो वहां लोगों से लेकर बादल भी हैरान करते

नाइट गार्ड की ड्यूटी करते हुए एक रोज नौकरी चली गई और मैं चाचा के पास चला आया. वे पेंटिंग करते. मुझे उनमें रंग भरने का काम मिला. रंग भरते हुए मैं कब खुद अपनी कहानी बुनने लगा, मुझे नहीं पता. पढ़ें, गोंड कलाकार भज्जू श्याम को, जो तस्वीरों के अलावा अपनी किताब लंदन जंगल बुक के लिए भी मशहूर हैं.

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