गुजरात के महेसाणा में बैलगाड़ी की नीचे दबकर 18 साल के युवा जयेश पटेल की मौत हो गई. जिस तरह तमिलनाडु में बैलों को दौड़ाकर उनके सिंग से पैसा निकालने की साहसी परंपरा पोंगल त्यौहार के दौरान आयोजित होती है उसी तरह उत्तर गुजरात में चैत्री नवरात्री के दौरान भी लगभग ऐसी ही परंपरा आयोजित होती है. इस परंपरा को 'हाथिया ठठु' कहते हैं, जिसमें बैल गाड़िया दौड़ाई जाती है. बैलगाड़ी के आगे 'हाथी' का मुखौटा लगाकर सुलेश्वरी देवी मां के दर्शन हेतु बैल गाडियों को दौड़ाया जाता है और उसके पीछे लोग भी दौड़ते है. शख्स की मौत के बाद महेसाणा पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी हुई है.
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