बदलाव के दौर से पहले तक बिहार की सत्ता में कांग्रेस का ही वर्चस्व था, लेकिन बदलते वक्त के साथ लोगों की आकांक्षाओं को पहचानने में कांग्रेस चूक गई. 1990 के दशक में जब मंडल राजनीति ने जोर पकड़ा तो कांग्रेस ऊहापोह में रही. न तो वह सवर्णों का खुलकर साथ दे पाई और न ही पिछड़े और दलित समुदाय को साध पाई.
from Latest News बिहार News18 हिंदी http://bit.ly/2RCl12M
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