Kharmas ka Mahatva: पंडित दयानाथ मिश्र कहते हैं कि श्रावण मास के आते ही अशुद्धारम्भ की शुरुआत हो जाती है और मांगलिक कार्य वर्जित हो जाते हैं. शुभ कार्य के लिए श्रावण के बाद अश्विन और कार्तिक का आधा महीना वर्जित माना गया है. उन्होंने कहा इस दौरान शादी-विवाह, यज्ञोपवित और मुंडन सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते.
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