सिद्धांतवादी जगदानंद सिंह ने 2009 में अपने बेटे को चुनाव हरा कर अपनी पार्टी के कार्यकर्ता को जिता दिया था. उस वक्त जगदानंद सिंह के लिए एक तरफ उनका शिष्य था, पार्टी थी तो दूसरी तरफ पुत्र था. जगदानंद सिंह ने पार्टी और सिद्धांतों को तरजीह दी. अपने शिष्य अंबिका यादव के पक्ष में जोरदार प्रचार अभियान चलाया और उनके बेटे को इस वजह से हार का मुंह देखना पड़ा.
from Latest News बिहार News18 हिंदी https://ift.tt/3gjl0jj
from Latest News बिहार News18 हिंदी https://ift.tt/3gjl0jj
ConversionConversion EmoticonEmoticon