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देखिए संगमनगरी की एक खास पारंपरिक बारात के नज़ारे. जी हां, गेंदे के फूल से सजे यही हैं दूल्हे राजा. आइए, इस खास बारात और दूल्हे के बारे में आपको बताते हैं. मान्यता है कि प्रलय के समय भगवान विष्णु ने संगम तट के अक्षय वट पर विश्वकर्मा भगवान को सृष्टि दोबारा निर्मित करने का आदेश दिया. सृष्टि निर्माण के लिए सबसे पहले विश्वकर्मा ने हथौड़ा बनाया और इसलिए संगम नगरी के लोगों के लिए यह पूज्य है. हथौड़ा बारात संगम नगरी में हर साल होली से पहले निकाली जाती है. इसके साथ न केवल रंगों के त्यौहार की शुरूआत हो जाती है बल्कि हथौड़ा बारात में होली का हुड़दंग और कटाक्ष भी नजर आता है. बारात में तोपों की सलामी दी जाती है, कुरीतियों का पुतला जलाया जाता है और बारात में शामिल लोगों को सलोथर, जड़दार, मुर्देदार, मंतरबाज और लंतरानीबाज जैसे उपाधियों से नवाजा जाता है.
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