लोग बताते हैं कि गोलू के रहते रात में किसी अजनबी को गली में घुसने की हिम्मत नहीं थी लिहाजा मुहल्लेवासी चैन की नींद सोते थे. यही कारण है कि कुत्ता गोलू की मौत का दुख सभी को हुआ और लोगों ने विधिवत उसका अंतिम संस्कार करने का सोचा.
from Latest News बिहार News18 हिंदी http://bit.ly/2VO3GXW
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