HTP : क्या विकास की बजाए मन्दिर 2019 का चुनावी एजेंडा बनेगा?

तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो गए हैं और अब तैयारी 2019 के लोकसभा चुनाव की हो रही है. तीनों राज्यों के नतीजे आने के बाद अचानक संतों ने एक बार फिर राम मंदिर के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया है. प्रयागराज के कुंभ में इस मसले पर बड़ा ऐलान हो सकता है, संतों ने इसके संकेत भी दिए हैं और अपनी नाराजगी का इजहार भी कर दिया है. संतों का साफ कहना है कि सरकार कानून बनाए, अध्यादेश लाए, चाहे जैसे हो मंदिर बनाए. जाहिर है प्रदेश से लेकर केन्द्र सरकार तक दबाव में है. उधर विधानसभा चुनावों से फारिग हुए राहुल गांधी अब अमेठी का रुख कर रहे हैं, लेकिन अब उनके एजेंडे पर भी अमेठी के मंदिरों का उद्धार है. जाहिर है गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चला ये फॉर्मूला यूपी में भी आजमाया जाएगा.

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