जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कल विधानसभा भंग कर दी. ऐसा उन्होंने तब किया जब करीब आधे घंटे के भीतर दो दलों ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया था. पहले PDP ने 56 विधायकों के साथ होने का दावा किया तो यही दावा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने कर दिया. कुछ दिनों पहले तक जो कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस महबूबा मुफ़्ती को कोस रही थीं, वही अब मिलकर सत्ता भोगने को तैयार थीं. सज्जाद लोन ने BJP के 26 विधायकों के साथ ही दूसरे दलों के 18 और विधायकों के समर्थन का दावा कर दिया. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दोनों के दावों की अनदेखी कर विधानसभा ही भंग कर डाली. उन्होंने दावा किया कि कुछ दिन पहले तक विधानसभा भंग करने की माँग महबूबा और उमर अब्दुल्लाह कई बार कर चुके थे. कल तो पैगम्बर मोहम्मद के जन्मदिन की छुट्टी होने की वजह से उनका खाना बनाने वाला तक कोई नहीं था. ऐसे में फ़ैक्स कौन देता, वो भी तब जब फ़ैक्स मशीन ही ख़राब थी. दूसरी तरफ़ BJP ने विपक्ष के गठजोड़ को पाकिस्तान और आतंकियों के इशारे पर की गई पहल करार दिया.
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