किसान नेता अनिरुद्ध मेहता ने मंगलवार को कहा कि सीमांचल बिहार में मक्का उत्पादन का सबसे बड़ा हब है. वहीं, प्रदेश सरकार ने राज्य में मक्के का समर्थन मूल्य 17 सौ रुपये और धान का 1750 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन दुख की बात यह है कि सरकारी स्तर पर मक्के की खरीदारी नहीं होती है. इसके चलते किसानों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. साथ ही धान की खरीदारी काफी विलम्ब से होती है. ऐसे में किसान मजबूर होकर धान और मक्का बिचौलिये के हाथों सस्ते दामों पर बेच देते हैं. वहीं, बिचौलिये किसान का धान पैक्सं में बेचकर मोटी कमाई कर रहे हैं. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि किसानों के नाम पर योजनायें बनती हैं, लेकिन उसका फायदा किसानों तक नहीं पहुंच पाता है. सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह ने कहा कि इस बार दो माह पहले सितम्बर माह से ही किसानों का रजिस्ट्रेशन का काम शुरु कर दिया गया है. इस साल किसानों का धान समय पर खरीदा जायेगा.
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